पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन चिनाब घाटी के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन में दोबारा आतंकवाद को जिंदा करने की साजिश रच रहे हैं। इसी के तहत युवाओं को कट्टरवाद का पाठ पढ़ाया गया।
पाकिस्तान के आतंकी संगठनों की ओर से चिनाब घाटी में युवाओं को कट्टरवाद का पाठ पढ़ाने की साजिश रची जा रही है। खुफिया एजेंसियों की निगरानी में यह जानकारी सामने आई है। इसके बाद सेना की ओर से इन युवाओं से संपर्क किया गया है, ताकि इनको आतंकवाद की राह पर चलने से रोका जाए।
तीन जिलों में खुफिया विंगों ने अपना सर्विलांस सिस्टम सक्रिय किया हुआ है। इसी के चलते इसका पता चला है। दरअसल, पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन चिनाब घाटी के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन में दोबारा आतंकवाद को जिंदा करने की साजिश रच रहे हैं। इसी के तहत युवाओं को कट्टरवाद का पाठ पढ़ाया गया।
सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों से डोडा, रामबन और किश्तवाड़ में 80 युवाओं से संपर्क किया गया है। यह संपर्क सोशल मीडिया साइट और वहां के लैंडलाइन नंबरों से किया गया। इन युवाओं को कट्टरवाद का पाठ पढ़ाकर आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए कहा गया।
इनके साथ संपर्क होते ही विभिन्न खुफिया एजेंसियों ने युवाओं की सूची बनाकर इनका पता लगाया। इसके बाद सेना की ओर से इनसे संपर्क किया गया। इनमें से 66 युवाओं की काउंसलिंग करके मुख्यधारा में लाया गया। लेकिन 14 युवा राह भटक गए और आतंकी गतिविधियों में शामिल हो गए। इन पर पीएसए लगाया गया है।
पाकिस्तान से संपर्क होने से शक
सूत्रों का कहना है कि एलओसी के नजदीक रहने वाले अधिकतर लोगों के रिश्तेदार पाकिस्तान में हैं। इनके पास पाकिस्तान से फोन काॅल आना कुछ हद तक समझ में आ रहा था। लेकिन डोडा, किश्तवाड़ और रामबन में 80 युवाओं को आई फोन काॅल से पता चला कि इनका पाकिस्तान में कोई रिश्तेदार नहीं है। इन युवाओं की जानकारी पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों ने वहां पर मौजूद चिनाब घाटी के आतंकियों से ली। इसके बाद इनसे संपर्क किया। फिर कट्टरवाद का पाठ पढ़ाया। इसकी जानकारी मिलते ही सेना ने इन युवाओं से संपर्क किया। इसके बाद इनकी काउंसलिंग की गई।
काउंसलिंग के बाद भी निगरानी
सूत्रों का कहना है कि सेना की ओर से इन 66 युवाओं की काउंसलिंग के बाद भी इन पर नजर रखी जा रही है, ताकि इनसे दोबारा संपर्क न हो। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि काउंसलिंग के बाद इनमें कितना बदलाव आया है और क्या यह सच में अब वहां बात नहीं करते।